बुधवार, 18 अगस्त 2021

अहोई माता जी की आरती | Ahoi Mata Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi

Ahoi Mata Ji ki Aarti lyrics

जय अहोई माता, जय अहोई माता। तुमको निसदिन ध्यावत हर विष्णु विधाता।।
ब्राह्मणी, रुद्राणी, कमला तू ही है जगमाता। सूर्य-चंद्रमा ध्यावत नारद ऋषि गाता।।
माता रूप निरंजन सुख-सम्पत्ति दाता। जो कोई तुमको ध्यावत नित मंगल पाता।।
तू ही पाताल बसंती, तू ही है शुभदाता। कर्म-प्रभाव प्रकाशक जगनिधि से त्राता।।
जिस घर थारो वासा वाहि में गुण आता। कर न सके सोई कर ले मन नहीं धड़काता।।
तुम बिन सुख न होवे न कोई पुत्र पाता। खान-पान का वैभव तुम बिन नहीं आता।।
शुभ गुण सुंदर युक्ता क्षीर निधि जाता। रतन चतुर्दश तोकू कोई नहीं पाता।।
श्री अहोई मां की आरती जो कोई गाता। उर उमंग अति उपजे पाप उतर जाता।।


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